अमेरिकी टैरिफ से भारत के टेक्सटाइल निर्यात पर 50% का झटका – जानिए पूरी हकीकत

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अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के बाद भारत के टेक्सटाइल निर्यात में करीब 50% की गिरावट दर्ज की गई है, जो कि भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक चिंता का विषय रखा गया है।

हाल ही 13 अक्टूबर 2025 में भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) के एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि भारत के कपड़ा और परिधान निर्यातक 50% अमेरिकी टैरिफ से जूझ रहे हैं, और लगभग एक-तिहाई निर्यातकों ने 50% से अधिक की गिरावट दर्ज की है।

नकदी संकट, इन्वेंट्री का ढेर और घटते ऑर्डर स्थिति को और खराब कर रहे हैं। उद्योग निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बहाल करने के लिए ऋण स्थगन, कच्चे माल में सुधार और तत्काल नीतिगत समर्थन की मांग कर रहा है।

अमेरिकी टैरिफ क्या हैं और क्यों लगाए गए?

अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) को बढ़ाकर 50% तक कर दिया है।

हाल ही में, अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) को बढ़ाकर 5–10% से 20–25% तक कर दिया है।

अमेरिका का कहना है कि यह कदम घरेलू उद्योग को सुरक्षा देने के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे भारत के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया है।

अब अमेरिकी खरीदार वियतनाम, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं।

कितना घटा भारत का टेक्सटाइल निर्यात?

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (TEPC) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तिमाही में निर्यात में 50% की गिरावट देखी गई है।

सबसे ज्यादा असर कॉटन फैब्रिक, परिधान (Apparel) और होम फर्निशिंग सेक्टर पर पड़ा है।

नए टैरिफ ने हमारे दाम का फायदा खत्म कर दिया है। अब अमेरिकी खरीदार अन्य देशों की ओर जा रहे हैं,” – सूरत के एक प्रमुख निर्यातक ने कहा।

भारत के टेक्सटाइल उद्योग और रोजगार पर असर

भारत के टेक्सटाइल उद्योग और रोजगार पर असर 50% की गिरावट देखी गई है।

भारत का टेक्सटाइल उद्योग लगभग 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।

निर्यात में गिरावट के चलते –

  • कई छोटे व मध्यम उद्योगों (SMEs) पर संकट बढ़ गया है।
  • उत्पादन में कमी और अस्थायी फैक्ट्री बंदी की स्थिति बनी है।
  • गुजरात, तमिलनाडु और पंजाब में रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है।

FIEO (Federation of Indian Export Organisations) ने सरकार से तुरंत राहत उपायों की मांग की है।

सरकार और उद्योग की प्रतिक्रिया

सरकार और उद्योग की प्रतिक्रिया

वाणिज्य मंत्रालय ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए US Trade Representative (USTR) के साथ वार्ता शुरू की है। वहीं, उद्योग संगठनों ने यूरोप और मध्य-पूर्व के बाजारों में नए निर्यात अवसर तलाशने पर जोर दिया है।

“हमें घरेलू मांग को भी मजबूत करना होगा और नए व्यापार साझेदारों से संबंध बनाने होंगे,” – CII के एक नीति विश्लेषक ने कहा।

विशेषज्ञों की राय – आगे क्या होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह अस्थायी झटका है, लेकिन इससे भारत को अपनी दीर्घकालिक व्यापार नीति पर पुनर्विचार करना होगा।

भारत को अब सस्टेनेबल उत्पादन, टेक्नोलॉजी अपनाने और वैल्यू एडिशन पर ध्यान देना चाहिए ताकि वह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सके।

निष्कर्ष

50% निर्यात गिरावट ने भारत के टेक्सटाइल उद्योग को गहराई से झकझोर दिया है। जहां सरकार समाधान खोज रही है, वहीं उद्योग को भी नवाचार और विविधीकरण के रास्ते अपनाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह के झटकों का असर कम हो सके।

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